प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिक्की के 93 वें वार्षिक सम्मेलन पर कहा, दिसंबर तक स्थिति बदल गई है। हमारे पास रोडमैप के साथ-साथ जवाब भी हैं। आज आर्थिक संकेतक उत्साहजनक हैं। संकट के समय राष्ट्र द्वारा सीखी गई बातों ने भविष्य के प्रस्तावों को और मजबूत किया है।
पीएम मोदी ने कहा, जब फरवरी-मार्च में महामारी शुरू हुई, तो हम एक अज्ञात दुश्मन के खिलाफ लड़ रहे थे। बहुत सारी अनिश्चितताएँ थीं – यह उत्पादन, रसद, अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार – कई मुद्दे थे। सवाल था, यह कब तक चलेगा? हालात कैसे सुधरेंगे? पिछले 6 सालों में दुनिया ने भारत पर जो विश्वास रखा है, वह पिछले कुछ महीनों में और मजबूत हुआ है। यह एफडीआई या एफपीआई हो – विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकॉर्ड निवेश किया है और यह जारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, अतीत के नीतियों ने कई क्षेत्रों में अक्षमता को बढ़ावा दिया और नए प्रयोग बंद कर दिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान हर क्षेत्र में दक्षता को बढ़ावा देता है। उन क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों को फिर से सक्रिय करने के लिए जोर दिया जा रहा है जिनमें भारत को दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है
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