भारत पहुंचना हुआ आसान
हवाई कॉरिडोर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ चारों ओर से जमीन से घिरे अफगानिस्तान को भारत के बाजारों तक पहुंच देगा। इससे अफगानिस्तान के किसानों को खराब होने वाली वस्तुओं की भारतीय बाजारों तक जल्द और सीधी पहुंच से लाभ होगा।
आया पहला मालवाहक विमान
दोनों देशों के बीच पहले एयर कार्गो कॉरिडोर का उद्घाटन अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किया। जिसके बाद पहला मालवाहक विमान 60 टन हींग लेकर काबुल से दिल्ली पहुंचा है। 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच इस कॉरिडोर पर निर्णय लिया गया था। मोदी ने ट्वीट करके कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधा हवाई संपर्क समृद्धि की राह खोलेगा। पीएम ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति अशरफ गनी को उनकी इस पहल के लिए धन्यवाद देता हूं।’
अब पाकिस्तान पोर्ट की जरूरत नहीं
राष्ट्रपति बनने के बाद अशरफ गनी पहली बार 2016 में भारत दौरे पर आए थे। तभी एयर कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया था। इससे पहले सड़क के जरिए अफगानिस्तान से प्रोडक्ट भारत आते हैं। अब तक अपने विदेशी व्यापार के लिए अफगानिस्तान पड़ोसी देश पाकिस्तान के पोर्ट पर निर्भर है। इसे भारत तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान के जरिए आना पड़ता है लेकिन इस मार्ग से भारत को वहां सामान निर्यात की अनुमति नहीं है। नए एयर कॉरिडोर के जरिए अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापार को तीन साल में 800 मिलियन से 1 बिलियन और अगले दस सालों में 10 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
अगले हफ्ते कंधार से दूसरी कार्गो 40 टन सूखे फल के साथ भारत आएगा। मांग के अनुसार, हर हफ्ते काबुल और कंधार से अनेकों कार्गो विमान भारत आएंगे। अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा ने राष्ट्रपति अशरफ गनी को कहा, ‘हम विभिन्न तरीकों से आपकी सहायता जारी रखेंगे.
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