ऐसे समय में जब वीआईपी कल्चर देश में बहस का बड़ा मुद्दा बना हुआ है बेंगलुरू पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने अलहदा मिसाल पेश की है. मामला बीते शनिवार का है. इसका ख़ुलासा अब हुआ है.सब-इंस्पेक्टर एमएल निजलिंगप्पा ने एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए शहर के एक चौराहे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कफिले की भी परवाह नहीं की.
ख़बर के मुताबिक राष्ट्रपति मुखर्जी शनिवार को मेट्रो की ग्रीन लाइन के उद्घाटन के लिए बेंगलुरू में थे. उस दिन यातायात पुलिस के सब-इंस्पेक्टर निजलिंगप्पा ट्रिनिटी सर्किल पर तैनात थे. राजभवन जाने के लिए राष्ट्रपति का काफिला वहां से गुजरने वाला था. सब तरफ से यातायात राेक कर रखा गया था कि तभी निजलिंगप्पा ने देखा कि एक एंबुलेंस ट्रैफिक के बीच फंस गई है.
मौका नाज़ुक था लेकिन इसमें निजलिंगप्पा ने तत्परता से फैसला लेते हुए पहले एंबुलेंस को निकलने का रास्ता देने का फैसला किया. उन्होंने अपने मातहतों को तुरंत इसका निर्देश ज़ारी और चंद मिनटों में ही उस भारी ट्रैफिक के बीच से वह एंबुलेंस बाहर ले अाई गई जो पास ही एक निजी अस्पताल जा रही थी. इस तरह निजलिंगप्पा की वज़ह से एक मरीज की जान पर बन आते-आते बची.
निजलिंगप्पा के इस काम की अब चौतरफा तारीफ हो रही है. बेंगलुरू पुलिस के उपायुक्त (यातायात-पूर्वी क्षेत्र) अभि गोयल ने ट्विटर पर निजलिंगप्पा की तारीफ की. इसके बाद बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त प्रवीण सूद ने उन्हें इनाम देने का भी ऐलान किया. पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियाें के साथ इंटरनेट पर भी निजलिंगप्पा की तारीफ में लगातार पोस्ट की जा रही हैं.
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