केंद्र ने डिजिलॉकर को मान्यता देते हुए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि वेरिफिकेशन के लिए असली दस्तावेज न देखे जाएं। आईटी एक्ट-2000 के तहत डिजिलॉकर या एमपरिवहन ऐप पर मौजूद दस्तावेज की ई-कॉपी को वैध माना जाएगा। यह नियम पूरे देश में लागू हो गया है।
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