तमिलनाडु में पिछले दस दिनों से चल रहा सत्ता संघर्ष गुरुवार को अन्नाद्रमुक प्रमुख शशिकला के वफादार इडाप्पाडी के. पलानीसामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही एक अंजाम पर पहुंचा। पिछले नौ महीनों में वह राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें 234 सदस्यीय विधानसभा में 15 दिनों के भीतर अपना बहुमत सिद्ध करना होगा।
उधर, शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले निवर्तमान मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने कहा है कि जब तक अम्मा (जयललिता) राज बहाल नहीं हो जाता तब तक हमारा धर्म युद्ध जारी रहेगा।
पलानीस्वामी की नियुक्ति को शशिकला-विरोधी भावनाओं को शांत करने के नुस्खे के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इन्हीं भावनाओं की वजह से एक हफ्ते पहले पन्नीरसेल्वम ने विद्रोह के स्वर बुलंद कर सभी को हैरान कर दिया था.
बहरहाल, शशिकला कैम्प को छोड़कर पिछले सप्ताह पन्नीरसेल्वम के साथ आए विधायकों में से एक ओ. पांडियाराजन ने ‘घर वापसी’ के मजबूत संकेत दिए हैं. तमिलनाडु की भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का पिछले साल 5 दिसंबर को निधन हुआ था. उसके कुछ ही हफ्ते बाद एआईएडीएमके के भीतर कार्यवाहक मुख्यमंत्री तथा जयललिता के बेहद वफादार माने जाते रहे पन्नीरसेल्वम तथा जयललिता की करीबी सहयोगी रहीं शशिकला के बीच जोरदार सत्ता संघर्ष देखने को मिला. भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद शशिकला गुरुवार को जेल चली गईं, लेकिन उन्होंने ऐसी व्यवस्था कर दी, ताकि उन्हीं का गुट पार्टी पर नियंत्रण बनाए रखे.
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