बिहार रेजीमेंट के जवानों ने चीन के कर्नल रैंक के अफसर को धर दबोचा था.
सूत्रों के अनुसार , गैलवान घाटी में 15 जून के रात बिहार रेजीमेंट के जवानों ने बहादुरी की कहानी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गयी है | हिंसक हमले में अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रेजीमेंट के जवानों का रौद्र रूप देखकर चीनी सैनिक हक्के बक्के रह गए। भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ दी।
दरअसल, उस रात चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सेना की तुलना में 5 गुना अधिक थी। लेकिन फिर भी हमारे बहादुर जवानों ने चीन के कर्नल रैंक के अफसर को धर दबोचा था.
सूत्रों का कहना है कि करीब एक बटैलियन के बीच यह खूनी झड़प हुई यानी करीब 600-700 सैनिक। रात के वक्त हुई झड़प में कई सैनिकों के गहरे नाले में गिरने की भी बात कही जा रही है। दोनों तरफ के काफी सैनिक बुरी तरह जख्मी हैं।
चीनी सीमा पर हुई झड़प पर भारत ने कहा है कि भारत का जिम्मेदार रवैया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सारे काम LAC में अपनी सीमा के अंदर ही करता है। चीन से भी ऐसी उम्मीद रखते हैं। हमें उम्मीद थी कि सबकुछ अच्छे से होगा। लेकिन चीन द्वारा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश करने पर हिंसक झड़प हो गई। इसमें दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई है, इससे बचा जा सकता था। विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है।
Be the first to comment on "बिहार रेजीमेंट के जवानों ने चीन के कर्नल रैंक के अफसर को धर दबोचा था"