कभी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से मतभेद तो कभी किसी और वजह से वे संन्यास लेते रहे और उनकी वापसी होती रही। अब 36 वर्षीय शाहिद ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानी टी-ट्वेंटी के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
4 अक्टूबर, 1996 को जब अफरीदी श्रीलंका के ख़िलाफ मैदान पर उतरे तो ये उनका दूसरा अंतरराष्ट्रीय मैच था और शायद उनकी बैटिंग किट कहीं गुम हो गई था। उन्हें खेलने के लिए पाकिस्तानी स्पिनर सकलेन मुश्ताक के जूते और हेलमेट दिए गए। इस मैच में अफरीदी जिस बल्ले से ख़ेले वो सचिन तेंदुलकर का था।
उस वक्त कोई नहीं जानता था कि अफरीदी इतिहास लिख़ने जा रहे हैं। उस वक्त अफरीदी महज 16 साल के थे। 11 छक्के, 6 चौके की मदद से 37 गेंदों में क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज शतक बनाकर वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर छा गए।
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