उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के मामले में हवलदार दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने वाले आरोपी शाहरुख पठान को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हिंसा के दौरान शाहरख की मंशा हीरो बनने की थी, ऐसे में अब उसे कानून का सामना करना होगा। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप कानून हाथ में लेते हैं और हीरो बनते हैं तो आपको कानून का सामना भी करना होगा।
जमानत याचिका में शाहरुख ने दलील दी थी कि उसे अपने 76 वर्षीय पिता की देखभाल करनी है, जो बीमार हैं और परिवार में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उसके वकील ने पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल को हिरासत में 113 दिन हो चुके हैं।
वहीं अतिरिक्त सरकारी वकील अमित चड्ढा ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका के विरोध में कहा कि पुलिस को दो और सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसमें वह पिस्तौल से फायरिंग करता हुआ नजर आ रहा है और पूरे देश ने जो कुछ देखा, वह पर्याप्त सबूत हैं। जो खुलेआम पुलिस पर पिस्तौल तान सकता है, उसके प्रति दया किस आधार पर दिखाई जाए।
इस घटना से कई पुलिसकर्मियों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी चोटें आईं और लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया।पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि पठान एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी है, जिसमें उसने सरेआम लोगों के बीच अपनी बंदूक हेड कांस्टेबल दीपक दहिया की ओर तान दी थी और गोली भी चलाई थी।
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