देश में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए चल रही तैयारियों के बीच फर्नीचर को 28 फीसदी कर स्लैब में रखने का विरोध करते हुए आज से दो दिन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए और 28 जून को राजधानी में एक बैठक कर वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है।
दिल्ली फर्नीचर फेडरेशन और कंफेडरेशन ऑफ ऑल द फर्नीचर मार्केट एसोसियेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर कारोबारी हड़ताल पर हैं। देश के सभी प्रमुख फर्नीचर बाजार आज बंद रहे और कल भी बंद रहेंगे। राजधानी में 28 जून को फर्नीचर कारोबारी एकत्रित होंगे और वित्त मंत्री को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपेंगे।
दिल्ली फर्नीचर फेडरेशन के अध्यक्ष रतिन्दर पाल सिंह भाटिया ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि फर्नीचर को सबसे उच्च कर दर में रखने से इस उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और मजबूरन जीएसटी की पालना करनी मुश्किल हो जाएगी।
उन्होंने फर्नीचर को विलासिता की वस्तुओं की श्रेणी से बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि यह आम लोगों की जरूरत का सामान है और इस पर अधिकतम 12 प्रतिशत कर लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनका संगठन अपनी मांगों को लेकर सांसदों और केन्द्रीय मंत्रियों से पहले ही मिल चुका है। कई मंत्रियों ने उनकी मांगों का समर्थन भी किया है।
भाटिया ने कहा कि घरेलू फर्नीचर उद्योग पहले से ही आयातित फर्नीचरों की वजह से बहुत परेशान है तथा अब इस पर 28 फीसदी कर लगाकर इसे और तबाह करने की तैयारी की गई है।
उन्होंने कहा कि फर्नीचर उद्योग कामगारों पर आधारित क्षेत्र है और इससे जुड़े 85 प्रतिशत लोग कम आय वर्ग के हैं। इसलिए सभी प्रकार के फर्नीचर को एक कर दर में रखा जाना चाहिए ताकि फर्नीचर उद्योग प्रभावित न हो।
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