जीएसटी स्लैब का विरोध, कपड़ा व्यापारी 4 दिन बंद रखेंगे दुकानें, करीब 2 रु करोड़ का होगा नुकसान

गुड्स एवं सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के विरोध में रोहतक में उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट शौरी क्लॉथ मार्केट मंगलवार को पूरी तरह से बंद रही। फिलहाल कपड़ा व्यापारियों ने तीन दिन के लिए अपनी दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही, सरकार को चेतावनी दी कि अगर इसके बाद भी जीएसटी को वापिस नहीं लिया जाता तो 30 जून को कड़ा फैसला लिया जा सकता है। रोहतक में जीएसटी के विरोध में थोक और रिटेल की सभी दुकानें बंद रहीं।

कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने के बाद व्यापारी सरकार के विरोध में उतर आए हैं। उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़े की मार्केट शौरी क्लॉथ मार्केट की सभी दुकानें बंद रहीं। इस मार्केट में थोक और रिटेल का व्यापार होता है और प्रतिदिन 10 करोड़ रुपये का लेन-देन चलता है। व्यापारियों की दलील है कि जब आजादी के बाद से आज तक कपड़े को टैक्स से बाहर रखा गया है तो अब क्यों इस पर टैक्स लगाया जा रहा है। सरकार को तीन दिन का समय दिया जा रहा है, तब तक वे विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद करेंगे। इसके बाद भी अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो 30 जून को बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

शौरी क्लॉथ मार्केट की दोनों यूनियनों के प्रधान गुलशन ईश पुनियानी व राजीव मल्होत्रा ने सुबह सभी दुकानों को बंद कराया और उसके बाद में प्रदर्शन करते हुए भिवानी स्टैंड चौक पर पहुंचे। इन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ये उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट है और अगर तीन दिन के अन्दर 5 फीसदी जीएसटी को वापस नहीं लिया गया तो 30 जून को मीटिंग बुलाई जाएगी और उसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। व्यापारी किसी भी सूरत में कपड़े पर जीएसटी को लागू नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितना ही संघर्ष क्यों न करना पड़े।

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