कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया है। एसटीएफ गाड़ी उसे कानपुर ला रही ला रही थी। इस दौरान गाड़ी पलट गई। उसने हथियार छीकर भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया है। कल ही विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर दर्शन करने मंदिर पहुंचा था। गिरफ्तारी के बाद विकास से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। इसके बाद उसे मध्यप्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था।
कानपुर पुलिस के मुताबिक पूरा घटनाक्रम कुछ यूं हुआ. कानपुर के भौंती में जब गाड़ी पलटी तो मौके का फायदा उठाकर विकास ने भागने की कोशिश की. उसने पुलिसवालों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. पीछा कर पुलिसवालों ने उसे घेर लिया और सरेंडर करने को कहा, लेकिन विकास दुबे पुलिस पर फायरिंग करने लगा.
कानपुर पुलिस और एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे बुरी तरह जख्मी हुआ. उसे कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया. अस्पताल में पहुंचते ही उसे मृत घोषित कर दिया गया. उसे ब्राउट डेड बताया गया यानी जब उसे अस्पताल लाया गया तो वो जिंदा नहीं था.
- विकास दुबे के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस लाया गया है. बताया जा रहा है कि विकास के शव से चार गोली मिली है. उसके सीने में तीन गोली लगी है.
- कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि एसटीएफ की टीम ने बहादुरी दिखाई. साहसिक कदम उठाते हुए दुर्दांत अपराधी को मार गिराया गया.
- हैलट अस्पताल की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन में कहा गया कि चारों पुलिसकर्मियों की हालत स्थिर है. जिन दो पुलिसकर्मियों को गोली लगी थी, वह खतरे से बाहर हैं.
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