एमपी एटीएस ने ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में 11 लोगों को अरेस्ट किया। इनके पास से 3 हजार सिमकार्ड, 50 मोबाइल फोन और 35 सिम बॉक्स बरामद किए। इसके अलावा फर्जी नाम-पते पर खोले गए सैकड़ों बैंक अकाउंट्स की भी जानकारी मिली है। एमपी में ये ISI नेटवर्क के खिलाफ की गई सबसे बड़ी कार्रवाई है। बता दें कि गुरुवार को एटीएस ने एमपी के ग्वालियर से 5, भोपाल से 3 जबलपुर से 2 और सतना से 1 शख्स को अरेस्ट किया था। सतना के बलराम के अकाउंट में PAK हैंडलर्स ट्रांसफर करते थे रकम…
– एटीएस आईजी संजीव शमी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा से सतविंदर सिंह और दादू नामक दो आतंकियों को अरेस्ट किया था।
– “इन्हाेंने कबूल किया था कि मध्य प्रदेश से इन्हें सेना से इन्हें मदद मिलती थी। इसके लिए इन्हें मोटी रकम दी जाती थी, जो सतना में रहने वाले बलराम के खाते में पाकिस्तानी हैंडलर्स ट्रांसफर करते थे।”
– सतविंदर पाकिस्तानी हैंडलर्स के कहने पर सैन्य सूचनाएं जुटाता था। पुल और सेना के कैम्प की फोटो खुफिया तरीके से लेता था। इसके अलावा, सेंट्रल सिक्युरिटी फोर्सेस के मूवमेंट और वाहनों की जानकारी भी जुटाई जा रही थी। बलराम ने अलग-अलग बैंकों में अकाउंट्स खोल रखे थे।”
दिल्ली के कोचिंग सेंटर का टीचर है मास्टर माइंड
– एटीएस के मुताबिक, “नेटवर्क का मास्टर माइंड दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर का टीचर गुलशन सेन है। उसने मप्र के अलावा दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र, महाराष्ट्र, ओडिशा और उप्र में पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करने के लिए करीब एक हजार सिम बॉक्स किराए पर दिए थे।”
– “गुलशन लखनऊ जेल में है। यूपी एटीएस ने जम्मू-कश्मीर ने उसे मिलिट्री इंटेलिजेंस की निशानदेही पर पकड़ा था। इसके बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।”
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