25 जून 1975 को देश में आपातकाल का ऐलान किया गया था. आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था. उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा.
पीएम मोदी ने ट्वीट के साथ मन की बात का अंश शेयर किया, जिसमें वह आपातकाल के बारे में बता रहे हैं। पीएम मोदी इसमें कहते हैं, ”जब देश में आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध केवल राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, जेल की सलाखों तक आंदोलन सिमट नहीं गया था, जन-जन में आक्रोश था। खोए हुए लोकतंत्र की एक तड़प थी।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आपाताकल में देश के सभी लोगों को लगने लगा कि उनका कुछ छीन लिया गया है, जिसका उन्होंने उपयोग नहीं किया, वह छीन गया तो उसका दर्द था. भारत गर्व से कह सकता है कि कानून-नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार है. लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, विरासत है. उस विरासत को लेकर हम पले-बढ़े हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ”जब समय पर खाना खाते हैं तो भूख क्या होती है इसका पता नहीं होता है। ठीक उसी तरह सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकारों का क्या मजा है, वह तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लेता है। आपातकाल में देश के हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका कुछ छीन लिया गया है। जिसका उसने जीवन में कभी उपयोग नहीं किया था वह भी छिन गया है तो उसका दर्द उसके दिल में था।”
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