बताते चलें कि पाकिस्तान में अब तक हिंदुओं की शादी पंजीकृत नहीं की जाती थी। इससे वहां रह रहे हिंदु समुदाय के लोग खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करते थे। यह बिल निचले सदन में 26 सितंबर 2016 में ही पारित कर लिया गया था। अब इसे सिर्फ राष्ट्रपति के साइन की जरूरत है, जोकि सिर्फ एक फॉर्मेलिटी है।
डॉन न्यूज के मुताबिक, यह बिल पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को स्वीकार्य है। इसके अंतर्गत शादी, शादी के रजिस्ट्रेशन, तलाक और दोबारा शादी की कानूनी मान्यता है। इसके साथ ही इस नियम में कहा गया है कि शादी के लिए हिंदू जोड़े की न्यूयनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
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