आधी आबादी यानि महिलाओं को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पूरा हक नहीं मिल पाया है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सभी ने महिला उम्मीदवारों की अनदेखी की है। यही वजह है कि पहले चरण की 73 सीटों के लिए कुल 70 उम्मीदवार यानि सिर्फ 8 फीसद महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। पहले चरण की 73 सीटों के लिए 839 उम्मीदवार मैदान में ताल ठोक रहे हैं। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब राजनीतिक पार्टियों ने महिला उम्मीदवारों की अनदेखी की है। इससे पहले हुए विधानसभा चुनावों में भी महिला उम्मीदवारों की यही स्थिति रही है। कई पार्टियों की कमान तो महिलाओं के हाथों में ही है, इसके बावजूद वहां महिला उम्मीदवारों को तवज्जो नहीं दी जाती रही है। ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में महिला मतदाता कम हों। पहले चरण के मतदान में कुल 11765768 महिला मतदाता हैं। वहीं पुरुष मतदाता इससे कुछ ही ज्यादा 14249799 हैं।
जहां तक शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो पहले चरण में कुल 402 यानि 48 फीसद उम्मीदवारों ने बताया है कि उन्होंने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है। 336 यानी 40 फीसद उम्मीदवार ग्रेजुएशन या इससे आगे की पढ़ाई कर चुके हैं। कुल 64 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर और 15 ने अनपढ़ घोषित किया है।
कुल 581 यानि 69 फीसद प्रत्याशियों की उम्र 25 से 50 साल के बीच हैं। 239 यानि 29 फीसद की उम्र 51 से 80 साल के बीच है। तीन उम्मीदवार 80 साल से ज्यादा उम्र के भी हैं, जबकि 13 ने अपनी आय घोषित ही नहीं की।
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