– इसे भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने भी समर्थन दिया है
– बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया था
– इस विलय के खिलाफ दो बैंक यूनियन 22 अक्टूबर को एक दिवसीय हड़ताल पर जाने वाले हैं
– इस हड़ताल की वजह से अधिकतर सरकारी बैंकों के कामकाज प्रभावित होने की आशंका है
– बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ग्राहकों को अलर्ट किया है, बैंक ने कहा है कि वह हड़ताल के दिन अपनी तमाम शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है
– इसके साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हड़ताल होती है तो बैंक के शाखाओं/कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है
– हालांकि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को उम्मीद है कि इस हड़ताल का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा
– एसबीआई के मुताबिक बैंक के बहुत कम कर्मचारी ऐसे हैं, जो हड़ताल करने वाले यूनियन का हिस्सा हैं, इसलिए इस हड़ताल का बैंक के कामकाज पर बेहद कम असर पड़ेगा
– एसबीआई ने यह भी कहा कि प्रस्तावित हड़ताल से कितने का नुकसान होगा उसका अभी आकलन नहीं किया जा सकता है
– इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी लगाता है कि यह हड़ताल बैंकिंग स्तर पर प्रभावित नहीं करेगा
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