बजट 2021-22 में बचत के मोर्चे पर आयकर दाताओं को कोई राहत नहीं दिया गया, जिससे उनके सामने दो कर स्लैब में बेहतर चुनने की चुनौती बरकरार है। बजट 2020 में सरकार ने कर जिले में कटौती तो की थी लेकिन को भी बनाए रखा था।
कम दरों वाला स्लैब चुनने वाले करदाताओं के लिए सभी तरह की टैक्स छूट खत्म कर दी गई है। वहीं रियायतों का लाभ लेने वाले करदाताओं को बढ़ी दर वाले स्लैब चुनना अनिवार्य बना दिया है।
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