IMA ने किया कम्युनिटी ट्रांसमिशन की खबरों का खंडन किया, कहा- कोई बयान नहीं दिया

देश में कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) के ’सामुदायिक स्तर पर पहुंच जाने की खबरों का भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने खंडन किया है। आईएमए ने बयान जारी करके कहा कि उसने ऐसा कोई राज्य नहीं दिया। संस्था ने ये भी कहा कि इस बारे में अधिकृत डेटा जारी करने वाली सरकारी एजेंसियों का काम है, उसका नहीं। आईएमए के मुताबिक क्राउड सोर्सिंग डेटा एक छोटी चीज है, उसे सरकार के अधिकृत डेटा पर प्राथमिकता नहीं दी जा सकती है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ। राजन शर्मा और महासचिव डॉ। आर। वी। अशोकन ने बयान जारी करके कहा कि संस्था ने कोरोना के ’सामुदायिक स्तर ‘पर पहुंचने का कोई राज्य नहीं दिया है। इस वैश्विक कोरोना महामारी की सही स्थिति का पता लगाना सरकार का काम है। यदि कोई व्यक्ति इस संबंध में अनुमान व्यक्त कर रहा है तो यह उसका निजी विचार ही माना जाना चाहिए। उसकी ओर से इकट्ठे किए गए क्राउड सोर्सिंग डेटा किसी भी हालत में सरकारी आंकड़ों की जगह नहीं ले सकते।

आईएमए ने कहा कि सरकारी डेटा से साफ पता लग रहा है कि वर्तमान में बड़े शहर ही कोरोना के क्लस्टर बने हुए हैं और देहात के इलाके अब भी महामारी से अछूते हैं। ऐसे में संस्था को पूरी उम्मीद है कि सरकारी स्वास्थ्य महकमे और मेडिकल स्टाफ हालात को खत्म कर देंगे।

बता दें कि आईएमए हॉस्पिटल बोर्ड के चेयरमैन डॉ। वी। के। मोंगा ने दो दिन पहले कहा था कि देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और रोज 30 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैलने पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल होगा।

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