किसान आंदोलन की आहट से घबराए फड़नवीस, कर्जमाफी के लिए सरकार ने बनाया पैनल

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश में चल रहे किसानों के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया था, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया था। महाराष्‍ट्र सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के किसानों और राज्य सरकार के बीच रविवार को चली बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है. रविवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों की कमिटी के बीच दूसरे राउंड की बातचीत सफल रही. बैठक की शुरुआत में किसानों ने मंत्रियों को अपनी मांग सूची सौंपी. यह बैठक चार घंटे तक चली. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्ज माफी सहित किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए छह सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की थी.

बैठक में तय किया गया है कि कर्ज़ माफ़ी के लिए सरकार और किसानों की कमेटी बनेगी और किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. किसानों के साथ बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल, ट्रांसपोर्ट मंत्री दिवाकर रावते, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के किसान नेता राजू शेट्टी, वर्कर्स पार्टी के जयंत पाटिल के साथ निर्दलीय विधायक बच्चू काडू और सुभाष देशमुख भी मौजूद रहे. सरकार के इस फैसले के बाद किसान संगठनों ने सोमवार को आयोजित किया जाने वाला प्रदर्शन रद्द कर दिया है. एक अधिकारी ने बताया था कि इस छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल करेंगे. समिति किसान नेताओं के साथ विचार विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. अगर महाराष्ट्र सरकार किसानों का पूरा कर्ज माफ कर देती है, तो सरकार के एक अनुमान के मुताबिक 1.1 लाख करोड़ का बोझ आएगा. बता दें कि राज्य सरकार पर पहले से ही 4 लाख करोड़ का कर्ज है.

शिवसेना ने दी थी सरकार को चेतावनी
बीजेपी सरकार में शामिल शिवसेना खुद ही सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के पक्ष में खड़ी हो गई है. शिवसेना ने बीजेपी को साफ धमकी भी दे दी थी कि अगर वो राज्य में मध्यावधि चुनाव से बचना चाहती है तो किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ करना ही होगा.

उल्लेखनीय है कि राज्य में किसान कर्ज माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन को लेकर फडणवीस विपक्ष के निशाने पर हैं. समिति के सदस्यों में शिवसेना मंत्री दिवाकर राउते, कृषि मंत्री पांडुरंग फुंदकर, वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख व जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन हैं. समिति किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों पर विचार विमर्श करेगी और राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी.

इस समय मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन में लगातार जान-माल का नुकसान देखा गया है. एमपी में किसानों का आंदोलन रोकने को चलाई गोली में 6 किसानों की मौत हुई थी वहीं महाराष्ट्र में 11 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी.  ऐसे में महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी से पूरे देश में फैल रहे किसान आंदोलन पर कुछ लगाम लगने की उम्मीद है.

छोटे किसानों का मिलेगा नया लोन
कर्जमाफी की घोषणा के बाद छोटे किसान नया लोन ले सकेंगे. इसके साथ ही उनका नाम ब्लैक लिस्ट से हटा दिया जाएगा. बता दें कि लोन की भरपाई न करने के कारण छोटे किसानों को बैंकों ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है.
इसके साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस भी लिए जाएंगे, लेकिन जिन मामलों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा. उन मामलों में ऐसा नहीं होगा.

किसानों संग PM मोदी से मिलेंगे फड़नवीस
स्वामीनाथन कमीशन को लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. क्योंकि कमीशन को लागू करने का काम केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है.

इसके साथ ही दूध के प्रॉफिट शेयरिंग में 70 प्रतिशत किसानों को मिलेगा, जबकि 30 प्रतिशत सरकार के हिस्से में जाएगा.

Source:दैनिक जागरण

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