यूपी में शादी-विवाह समारोह के लिए प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य नहीं

उत्तर प्रदेश में शादी-समारोहों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शादी विवाह के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर कहीं से भी पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जवाबदेही भी तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शादी समारोह का आयोजन केवल सूचना देकर और कोविड नियमों का पालन करते हुए कर सकते हैं। समारोह में शामिल होने वाले लोगों में बैंड बाजा और अन्य काम करने वाले लोग शामिल नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों से स्पष्ट कहा कि कोरोना की आड़ में लोगों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी लोगों को जागरुक करें और गाइडलाइन के पालन के लिए प्रोत्साहित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंड व डीजे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। 23 नवंबर को जारी की गई गाइडलाइन में शादी-विवाह, धर्म-कर्म आदि सामूहिक गतिविधियों में लोगों की अधिकतम संख्या तय की गयी है, निर्देशानुसार कन्टेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों में एक समय में किसी भी बन्द स्थान जैसे हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, किंतु अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही मौजूद रह सकेंगे।

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