विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मुठभेड़ सही थी। हालांकि, कोर्ट की तरफ से ये कहा गया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार है और इसके लिए त्रिलोक होना चाहिए था। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जांच कमेटी में पूर्व एससी जज और एक पुलिस अधिकारी हमारी होगी। यूपी सरकार की जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमति भी हो गई है।
सोमवार को परीक्षण के दौरान यूपी सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि मुठभेड़ सही थी, वो पैरोल पर थी, हिरासत से भागने की कोशिश की। तुषार मेहता की इस दलील के बाद सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ मुकदमे के बारे में बताएं। आपने अपने जवाब में कहा है कि तेलंगाना में हुई मुठभेड़ और इसमें अंतर है, लेकिन आप कानून के राज को लेकर ज़रूर सतर्कता बरतेंगे। आपने रिटायर्ड जज की अगुआई में जांच भी शुरू की है। प्रशांत भूषण ने भी पीयूसीएल की ओर से मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं।
सीजेआई ने ट्रायल के दौरान ये भी कहा कि हैरानी की बात है इसलिए केस में शामिल शख्स बेल पर था और उसके बाद ये केस हुआ। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर तफ्सील से रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि ये सिस्टम का फेल्योर दिखाता है। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक घटना पर नहीं है, बल्कि सिस्टम सिस्टम पर है। वहीं, यूपी सरकार की जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमति हो गई है।
बता दें कि यूपी सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का न्यायिक आयोग बनाने की बात कही थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने इस पर सवाल उठाए थे। हालांकि बाद में आज सुप्रीम कोर्ट ने परिवर्तन की बात कही।
इसके अलावा संजय पारिख ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मीडिया में आए बयानों से भी साफ है कि मुठभेड़ स्वाभाविक रूप से नहीं थी। इस पर सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बयानों को भी देखा जाए। अगर उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है और उसके बाद कुछ हुआ है तो इस मामले को भी देखना चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। यूपी सरकार को इस दौरे न्यायिक जांच पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पेश करना होगा।
PILs in encounter of #VikasDubey & aides: It is not only one incident that is at stake; what is at stake is the whole system, Chief Justice of India tells Solicitor General Tushar Mehta.
— ANI (@ANI) July 20, 2020
जांच समिति के पुनर्गठन को तैयार हुई यूपी सरकार
मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह केवल एक मुठभेड़ का मामला नहीं है बल्कि ये पूरी प्रणाली पर सवालिया निशान है। यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि वह विकास दुबे मुठभेड़ मामले की जांच के लिए समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार है। सरकार ने अदालत को बताया कि वो 22 जुलाई तक पूछताछ पैनल में सुझाए गए परिवर्तनों के संबंध में मसौदा अधिसूचना तैयार करेगी। अदालत ने तुषार मेहता से कहा कि अगर यूपी के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कुछ बयान दिए हैं, तो कुछ का पालन किया जाना चाहिए, आपको इस पर गौर करना चाहिए।
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