पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामागेट घोटाला मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच दल के सामने हाजिर हुए हैं. वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए हैं.
गुरुवार को नवाज़ शरीफ के साथ ही उनके समर्थक भी कोर्ट के बाहर पहुंच गए. पुलिस ने उन्हें अन्दर जाने से रोका है. नवाज़ शरीफ आगे चले गए हैं. नवाज़ शरीफ से 13 सवाल पूछे जाने हैं. जिसमे गल्फ स्टील और लन्दन के फ्लैट्स की जानकारी मांगी जाएगी. वालिद को करोड़ों रुपए तोहफे में देने का सवाल भी इनमें शामिल है.
पेशी से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह अपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया. शरीफ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्हें इस्लामाबाद की न्यायिक अकादमी तक उनके साथ जाने या वहां उनको लेने आने के लिए मना किया है.
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
शरीफ (67) के कजाख्स्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें समन जारी किया गया. शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाखस्तान गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था.
यह दल मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे. हालांकि, शरीफ ने इन आरोपों से इनकार किया है. जेआईटी को 60 दिन में अपनी जांच पूरी करनी है.
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