सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए आयुर्वेदिक इलाज को मंजूदी दे दी है। हालांकि सरकार ने कहा है कि बिना लक्षण और मामूली लक्षण वाले मरीज आयुर्वेद और योग के जरिए कोरोना का इलाज कर सकते हैं। सरकार ने इसकी औपचारिक मंजूरी दे दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से इस बारे में कई सवाल किए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देश में डॉक्टर्स की सबसे बड़ी संस्था है। आईएमए ने डॉ. हर्षवर्धन से पूछा कि केंद्र सरकार ने किस आधार पर आयुष के जरिए इलाज कराने की मंजूरी दी है?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना लक्षण और मामूली लक्षण वाले कोरोना मरीजों को योग और आयुर्वेद के जरिए इलाज कराने की मंजूरी दे दी है। आईएमए ने बताया कि इसके समर्थन में और भी कई संस्थान आए हैं। आईएमए ने बताया कि डॉ. हर्षवर्धन मानते हैं कि आयुर्वेदिक दवाएं, आधुनिक दवाओं की आधारशिला का ही हिस्सा हैं तो ऐसे में केंद्र सरकार ने यह फैसला कैसे लिया? केंद्र सरकार से आईएमए ने पूछा कि क्या उनके पास आयुर्वेद या योग के जरिए कोरोना के इलाज को लेकर किए गए किसी अध्ययन से जुड़े कोई संतोषजनक सबूत हैं? संगठन ने पूछा कि सरकार के कितने मंत्रियों और सहयोगियों ने खुद आयुर्वेद और योग से अपना इलाज करवाया है?
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