भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के विरोध में अपने आंदोलन के तीसरे दिन यूपी गेट पर गांव बसाना शुरू कर दिया है। यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने झोपड़ियां बनानी शुरू कर दी है। साथ ही जिला प्रशासन की धारा 144 के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की धारा 288 को लागू कर दिया गया है 32 साल बाद एक बार फिर इस धारा को लगाया गया है। इसके तहत किसानों के अलावा किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है।
पहली बार इस धारा का प्रयोग 1988 में किया गया था। फ्लाईओवर के नीचे खुले में सर्दी की ठिठुरती रात बिताने के बाद सोमवार को झोपड़ियां बनाईं गईं। साथ ही दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर वर्ष 1988 के बाद दूसरी बार अपनी धारा-288 लगाने का एलान भी कर दिया। किसानों की यह धारा प्रशासन की धारा 144 का जवाब है। इसके तहत पुलिस को किसान की हद में नहीं आने दिया जाता है। इस बीच शाम तक पंजाब, उत्तराखंड और यूपी से किसानों का जत्था पहुंचता रहा।
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