चीन की सेना (PLA) गलवान घाटी के पेट्रोल प्वाइंट 14 से अपने अस्थाई ढांचे हटा लिए हैं और लगभग 2 किलोमीटर का इलाका अब पूरी तरह से खाली हो गया है। इंडिया टीवी को सेना के सूत्रों से यह जानकारी मिली है। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को भारतीय सेना की फिजिकल वेरिफिकेशन में यह पता चला है कि चीन की सेना ने अस्थाई टेंट हटा लिए हैं। हालांकि सेना की तरफ से अभी तक इस जानकारी की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक अभी सिर्फ गलवान घाटी के पेट्रोल प्वाइंट 14 से ही चीनी सेना पीछे हटी है जबकि पैंगोंग त्सो झील, डेपसांग और गोगरा पोस्ट के क्षेत्रों में अभी तक पहले वाली स्थिति बनी हुई है।
चीन की ओर से कहा गया है कि कमांडर लेवल की बातचीत में दोनों देशों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई, इसी आधार पर अब ये एक्शन हो रहा है. चीनी अखबार की ओर से कहा गया है कि भारत को चीन के साथ शांति की बात करनी चाहिए और अपने सैनिकों को कम करना चाहिए.
चीन को जवाब देने के लिए भारत ने मिरर डिप्लॉयमेंट किया था. इसका मतलब जितने सैनिक चीन ने तैनात किए, भारत ने भी उतने ही तैनात कर दिए. इसके अलावा भारत की ओर से वायुसेना लगातार अपने लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रही थी.
मई के बाद से ही चीन और भारत के बीच यहां तनाव बना हुआ था. अब खबर है कि 15 जून को गलवान के जिस हिस्से में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थीं, वहां से चीनी सेना करीब एक-दो किमी पीछे हट चुकी है. इलाके में अब बफर जोन बनाया गया है, ताकि पिछली बार की तरह सैनिकों में झड़प ना हो.
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