- लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर टेंशन
- 58 साल बाद एक बार फिर जंग होने के आसार!
चीन की एक बड़ी धोखेबाजी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, गलवान घाटी में हिंसा वाली जगह पर चीन ने टेंट लगा दिए हैं. जहां हिसंक झड़प हुई थी चीन ने वहीं पर फिर से अपने टेंट लगा दिए हैं. गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर ये टेंट लगाए गए हैं. ये वही जगह है जहां पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच में झड़प की घटनाएं हुई थीं. बाद में दोनों देशों की तरफ से ये प्रयास किए गए कि यहां तनाव घटाया जाए लेकिन एक बार फिर चीन अपने वादों से मुकर गया है. चीन का ये फैसला तनाव बढ़ा सकता है.
भारत-चीन के बीच एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर टेंशन अपने पूरे चरम पर है. हालात ऐसे बन रहे हैं जिससे लग रहा है कि कहीं भारत और चीन के बीच 58 साल बाद एक बार फिर जंग ना हो जाए. हालांकि जानकारों के मुताबिक ऐसे हालात कम ही हैं और बीच का कोई ना कोई रास्ता निकल ही आएगा. लेकिन फिर भी अपने दुश्मन को कम आंकना अकलमंदी नहीं कहलाती. इसलिए दुश्मन की ताकत को समझ लेना जरूरी है ताकि मुकाबला होने की सूरत में हम ड्रैगन की चालबाजियों का मुंहतोड़ जवाब दे सकें.
चीन को सिर्फ यहीं नुकसान नहीं. बल्कि भारत से भिड़ने का मतलब है कि चीन आर्थिक तौर पर टूट जाएगा. क्योंकि भारत के साथ उसका अरबों-खरबों के व्यापारिक समझौते हैं. जिन्हें एक-एक करके भारत ने खत्म करना शुरु कर दिया है. दूसरी मुश्किल ये है कि कुछ देशों को छोड़कर दुनिया के कई बड़े देश कोरोना के मामले में चीन के खिलाफ पहले से गुस्से में भरे हुए हैं. जिनमें अमेरिका और यूरोपियन देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है. यानी अगर ये लोग भारत के साथ आ गए तो चीन को लेने के देने पड़ सकते हैं.
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