केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि आम लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आतंकियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। जेटली ने सवाल उठाया कि मरने और मारने को तैयार फिदायीन के साथ क्या ‘सत्याग्रह’ के रास्ते से निपटना चाहिए, फिर कहा कि ‘‘एक आतंकी जो आत्मसमर्पण करने से इनकार करता है और संघर्षविराम के प्रस्ताव से भी इनकार करता है उसके साथ उसी तरह से निपटा जाना चाहिए जिस तरह कानून को अपने हाथों में लेने वाले किसी भी व्यक्ति से निपटा जाता है। यह बल प्रयोग की बात नहीं है, यह कानून के शासन की बात है।’’
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