पूर्वी लद्दाख का दो दिन दौरा करके लौटे सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भरोसा दिलाया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात भारत की सेना चीन के किसी भी आक्रमण या दुस्साहस को रोकने में पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं। फेसऑफ पॉइंट पर दोनों देशों के सैनिक महज 500 मीटर की दूरी पर आमने-सामने हैं। भारतीय वायुसेना ने एलएसी पर अब आकाश मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात कर दिया है।
पिछले कुछ हफ्तों में चीन ने सुखोई-30 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हासिल किए हैं। इन्हें और दूसरे बमवर्षक विमानों को चीन ने फिलहाल सीमा से कहीं पीछे तैनात कर रखा है लेकिन अक्सर ये एलएसी पर मंडराते देखे गए हैं।
अब पूरे सेक्टर में एडवांस क्विक रिएक्शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है, जो चीन के किसी भी फाइटर जेट को कुछ सेकंड में ही तबाह कर सकता है। इसके अलावा सीमा पर भारत ने होवित्जर तोपों, पैदल सेना के वाहनों और करीब 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती की है। वायुसेना ने मल्टीरोल कॉम्बैट मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तैनात किए हैं, जो नियमित रूप से आसमान में गश्त कर रहे हैं। भारत मजबूत सैन्य ताकत के साथ अग्रिम क्षेत्रों में अच्छी तरह से तैनात और तैयार है।
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