दस्तावेजों का फिजिकल सत्यापन आनिवार्य नहीं
आज से वाहन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों को हमेशा साथ रखने के नियम में कुछ बदलाव हुए हैं. सरकार ने डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 में संशोधन किए हैं, अब गाड़ी की आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों की मूल कॉपी साथ रखना आवश्यक नहीं होगा। इनकी डिजिटल प्रतियों को दिखाकर ही काम हो जाएगा, इसके अलावा ई-चालान भी सरकार के डिजिटल पोर्टल पर मुहैया कराए जाएंगे ताकि नियमों का उल्लंघन करने वाले उसके बारे में पूरी जानकारी पा सकें। यदि कोई ऐसा मामला सामने आता है, जहां नियमों में उल्लंघन की स्थिति में किसी ड्राइवर का लाइसेंस कैंसिल करने की नौबत आती है तो अथॉरिटीज को इस बारे में डिजिटल पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा।
नियम तोड़ने वालों का रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिकल होगा मेंटेन
नियम तोड़ने वालों का रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिकली मेंटेन किया जाएगा, इसके साथ ही अथॉरिटीज की ओर से ड्राइवर के व्यवहार की भी मॉनिटरिंग होगी और इंस्पेक्शन की टाइम स्टांप और वर्दी में मौजूद पुलिस अधिकारी की तस्वीर भी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी इस प्रक्रिया को इसलिए किया गया है ताकि गैरजरूरी चेकिंग को खत्म किया जा सके और ड्राइवरों का उत्पीड़न भी न किया जा सके।
दस्तावेजों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की सुविधा
अपने वाहन संबंधित डॉक्युमेंट्स को केंद्र सरकार की ऑनलाइन पोर्टल पर स्टोर कर सकते हैं, जैसे – डिजी-लॉकर(Digi-locker) अथवा एम-परिवहन(m-parivahan) अब ड्राईवर को अनिवार्य रूप से वाहन सम्बन्धित दस्तावेजों को वाहन के साथ रखकर चलने की आवश्यकता नही होगी।
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