उच्चतम न्यायालय ने शाहीन बाग मामले में पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में दिए शाहीन बाग फैसले को बरकरार रखा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है की धरना प्रदर्शन लोग अपनी मर्जी से और किसी भी जगह नहीं कर सकते, धरना प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन उसकी एक सीमा है।
उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया था की धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या समूह इससे बाहर धरना प्रदर्शन करता है तो नियम के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार पुलिस के पास है। धरना प्रदर्शन से आम लोगों पर कोई असर नही होना चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर धरना के लिया कब्जा नहीं किया जा सकता।
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