अफ्रीकी मूल का 21 अक्टूबर, 1929 को जन्मा अभागा जॉर्ज जूनियस स्टिन्नी जूनियर अमेरिका का सबसे कम उम्र में मृत्युदंड की सजा पाने वाला बच्चा है। वह सिर्फ 14 साल का था, जब 16 जून, 1944 को उसे बिजली वाली कुर्सी पर बिठाकर मार दिया गया था। अपने पूरे ट्रॉयल के दौरान, यहां तक कि सज़ा वाले दिन भी, उसके हाथ में बाइबिल थी और वह खुद को अंत तक बेकसूर बताता रहा था।
उस पर 11 साल की बेट्टी जून बिन्नीकर और 7 साल की मैरी एम्मा थेम्स नाम की दो लड़कियों की हत्या का आरोप था। दोनों के शव जॉर्ज के घर के पास मिले थे। इनकी हत्या के लिए जॉर्ज को आरोपी बनाया गया। जिसका ट्रायल सिर्फ 2 घंटे चला और 10 मिनट में सज़ा सुना दी गयी।
जॉर्ज ने जेल में 81 दिन बिताए। इस दौरान उसे उसके माँ-बाप तक से नहीं मिलने दिया गया और उन्हें शहर से बाहर भेज दिया। यही नहीं उसे कोई वकील भी नहीं दिया गया।
इस मामले को लेकर 2004 में नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ तथा कई अन्य लोगों ने न्यायिक समीक्षा की मांग की। फिर से जांच शुरू हुई और 70 साल बाद 2014 में दक्षिण कैरोलिना की एक अदालत ने स्टिन्नी को बेकसूर माना। जज ने स्टिन्नी की सजा को खत्म करते हुए कहा कि स्टिन्नी के मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई थी।
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