बीजिंग. शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) ने अपने बीजिंग हेडऑफिस में एक रिसेप्शन रखा था। इसमें ऑर्गनाइजर्स उस वक्त शर्मशार हो गए, जब यहां पाकिस्तान की झांकी में तिरंगे के साथ भारत का लाल किला दिखाया गया। इसे लाहौर का शालीमार गार्डन बताया गया था। दरअसल, यह गलती समारोह के ऑर्गनाइजर्स की थी।
– समारोह में मौजूद भारतीय और पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स ने इस पर आपत्ति जताई।
– बाद में एससीओ ऑफिशियल्स ने इस गलती पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वे फोटो क्रॉस चेक करने नाकाम रहे, क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान की भागीदारी वाला पहला कार्यक्रम था।
– बता दें कि पिछले हफ्ते कजाकिस्तान के अस्ताना में हुई एससीओ समिट में भारत और पाकिस्तान को इस एससीओ में परमानेंट मेंबर के तौर पर शामिल किया गया है।2001 में बना था SCO
– बता दें कि एससीओ एक पॉलिटिकल और सिक्युरिटी ग्रुप है। इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। यह 2001 में बनाया गया था।
– चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और अब भारत-पाकिस्तान भी इसके परमानेंट मेंबर हैं।
– यह ऑर्गनाइजेशन खासतौर पर मेंबर कंट्रीज के बीच मिलिट्री को-ऑपरेशन के लिए बनाया गया है।
– इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और सेंट्रल एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है।
– भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया एससीओ में सुपरवाइजर कंट्री हैं।
– बता दें कि 2015 में रूस के उफा में एससीओ समिट हुई थी। इसमें भारत-पाकिस्तान को इस ऑर्गनाइजेशन में परमानेंट मेंबर के तौर पर शामिल किए जाने का प्रपोजल पास किया गया था।
– 2016 में एसीओ समिट रूस के ताशकंद में हुई थी। इसमें भारत और पाकिस्तान ने एसीओ में शामिल होने के लिए कमिटमेंट मेमोरेंडम पर साइन किए थे।
– चीन ने उम्मीद जताई है कि एससीओ का परमानेंट मेंबर बनने से भारत-पाक के बाइलेटरल रिलेशन भी सुधरेंगे।
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