एक तरफ सिक्किम में भारत-चीन-भूटान सीमा पर भारत और चीन की सेना के बीच तनातनी और जुबानी जंग जारी है, तो दूसरी तरफ हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के जहाजों और पनडुब्बियों की ‘असाधारण’ गतिविधियां देखी जा रही हैं। भारतीय नौसना इस इलाके में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती संख्या और उनकी गतिविधियों पर करीब से नजर रख ही है और पूरी तरह अलर्ट भी है।
पिछले दो महीनों में भारत के नेवल सैटलाइट रुकमिनी (जीसैट-7) ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में कम से कम 13 चीनी नौसेना पोतों को घूमते देखा है। सूत्रों के मुताबिक इनमें आधुनिक लुयांग-3 भी शामिल है जो मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। साथ ही युआन क्लास की एक पनडुब्बी भी यहां देखी गई है। इस क्षेत्र में दाखिल होने वाली यह 7वीं पनडुब्बी है। दिसंबर 2013 से लेकर अब तक चीन कभी परमाणु पनडुब्बी तो कभी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को बारी-बारी से यहां तैनात करता रहा है।
चीनी युद्धपोतों को तीन साल पहले 2013-14 में भारतीय समुद्री क्षेत्र में देखा गया था। उसके बाद से चीनी युद्धपोतों की गतिविधियां इस इलाके में बढ़ती चली गईं। गौरतलब है कि चीन का जासूसी पोत (हाईविशिंग) भी पिछले सप्ताह भारतीय समुद्री इलाके में घुस आया था। बताया जाता है कि इसे बंगाल की खाड़ी में भारत-अमेरिका-जापान के नौसेना अभ्यास ‘मालाबार’ की जासूसी करने के मकसद से भेजा गया है जो अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है।
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