भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने शुक्रवार को देश में विकसित क्रायोजेनिक इंजन-डी चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार ने बताया कि जीएसएलवी एमके-तीन के क्रायोजेनिक ऊपरी चरण का पूर्ण अवधि का फ्लाइट परीक्षण सफल रहा।
चार टन की उपग्रह की क्षमता वाले सी-25 पेलोड का सफल परीक्षण जीएसएलवी मार्क-तीन सी-25 उपग्रह के प्रक्षेपण का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस इंजन को अप्रैल में प्रयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का परीक्षण वास्तविक रॉकेट प्रक्षेपण के अंतिम श्रेणी का परीक्षण था।
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